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ये पल कभी न ठहरे हैं लाल गुलाबी चमक कभी कभी ये सलेटी पन्ने हैं। ये पल कभी न ठहरे हैं लाल गुलाबी चमक कभी कभी ये सलेटी पन्ने हैं।
अब मैं प्रवासी भारतीय नहीं भारतीय बनकर रहना चाहता हूँ। अब मैं प्रवासी भारतीय नहीं भारतीय बनकर रहना चाहता हूँ।
उसकी इच्छा का सम्मान करना चाहिए, चाहे वो उसकी पत्नी हो... या कोई और... उसकी इच्छा का सम्मान करना चाहिए, चाहे वो उसकी पत्नी हो... या कोई और...
माँ की तस्वीर के सामने खड़े होकर पाँचों ने एक साथ कहा, "माँ, हमारा मायका आज भी ज़िंदा है माँ की तस्वीर के सामने खड़े होकर पाँचों ने एक साथ कहा, "माँ, हमारा मायका आज भी ज़ि...
कुछ सालों बाद साहब का जहां से आए थे. वही फिर से तबादला हो चुका था. कुछ सालों बाद साहब का जहां से आए थे. वही फिर से तबादला हो चुका था.